भारत में लोकतंत्र पर निबंध Essay on Democracy in India Hindi

इस लेख में हमने भारत में लोकतंत्र पर निबंध हिन्दी में Essay on Democracy in India Hindi दिया है। इसमें आप जानेंगे लोकतंत्र क्या है? इसमें चुनाव की भूमिका, इतिहास, इसके 5 सिद्धांत, और सुधार के उपाय।

भारत में लोकतंत्र पर निबंध Essay on Democracy in India Hindi

हमारे भारत देश में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। 1947 की आजादी के बाद हमारा भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया। जिस कारण जनता को इसके बाद भारत में वोट देने और अपने नेताओं का सही चुनाव करने का अधिकार मिल गया।

लोकतंत्र क्या है? What is Democracy?

लोकतंत्र एक सरकार की ही प्रणाली है, जो कि हमारी जनता को अपना वोट देने और अपने मन  पसंद की सरकार का गठन करने की अनुमति प्रदान करती है।

1947 में ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में परिवर्तित हो गया था तथा आज के समय में यह पूरी दुनिया का एक सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र बन चुका है।

भारतीय लोकतंत्र अपने नागरिकों को जाति, धर्म, रंग, लिंग और पंथ आदि को नज़र-अंदाज करते हुये अपनी पसंद से वोट देने की अनुमति देता है। इसके पांच लोकतांत्रिक सिद्धांत इस प्रकार हैं – समाजवादी, संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य, लोकतंत्र ।

चुनाव में क्या होता है? What is Election?

अलग-अलग राजनीतिक दल राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव में खड़े होते हैं। इस चुनाव में खड़े होने से पहले वे अपने पिछले किये गये सारे कार्यकाल में पूरे किये गये कार्यों के बारे में प्रचार-प्रसार करते हैं तथा वे लोगों से भविष्य में क्या-क्या कार्य करेंगे, किस तरह करेंगे वे अपनी सारी योजनायें सभी के साथ साझा करते हैं। संविधान में यह तय है कि 18 वर्ष से अधिक आयु  के हर भारतवासी को वोट देने का पूर्ण अधिकार है।

सरकार भी मतदान करने के लिये लोगों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के लिये हर समय प्रयास में लगी रहती है। लोगों को अपना कीमती वोट देने से पहले चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए और एक अच्छे प्रशासन स्थापित करने लिये जो हमें सबसे योग्य व्यक्ति लगता है उसको वोट देना चाहिए।

भारत में लोकतंत्र का इतिहास History of Democracy in India

भारत पर मुगल से मौर्यों तक कई शासकों ने शासन किया। उनमें से प्रत्येक के पास लोगों को शासित करने की अपनी अलग शैली थी। 1947 में अंग्रेजों के औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया था।

उस समय के भारत के लोग, जिन्होंने अंग्रेजों के हाथों काफी अत्याचारों का सामना किया था, पहली बार वोट करने का और अपनी सरकार का चुनाव करने का अधिकार प्राप्त किया।

एक सफल लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये हमारे भारत देश को जाना जाता है। जबकि आज भी कुछ कमियां हैं, जिनको हमें दूर करने के लिये कुछ काम करने की ज़रूरत है। हमारे देश की सरकार को सही मायने में लोकतंत्र को सुनिश्चित करने के लिये निरक्षरता, गरीबी, लिंग भेदभाव और जातिवाद को भी समाप्त करने पर कुछ कार्य करने चाहिए।

लोकतंत्र को हम सरकार का सबसे अच्छा स्वरूप कहते है। यह देश के प्रत्येक नागरिक को वोट देने और उनकी जाति, पंथ, रंग, धर्म या लिंग के बावजूद अपनी इच्छा से अपने नेताओं का चयन करने की आज्ञा देता है।

हमारी सरकार को देश के आम लोगों के द्वारा चुना जाता है। चुनाव के प्रचार के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा एक अभियान चलाया जाता है, ताकि लोगों के विकास को लेकर उनके भविष्य के लाभ के लिये उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों पर ध्यान दिया जा सके।

भारत में चुनाव व राजनीतिक पार्टी Political Parties

भारत के कई राज्यों में विभिन्न रूप से नियमित अंतराल पर भी चुनाव किये जाते हैं। इन चुनावों में कई पार्टियां केंद्र तथा राज्यों में जीतकर सरकार बनाने के लिये प्रतिस्पर्धा करती हैं।

अक्सर लोगों को सबसे योग्य उम्मीदवार का चुनाव करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन फिर भी जाति भारतीय राजनीति में भी एक बड़ा कारक है चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने में।

आज 18 वर्ष से अधिक आयु का हर भारतीय इंसान भारत में वोट देने का पूरा अधिकार रखता है। हमारे भारत में कई पार्टियाँ होती है, उनके उम्मीदवार उनकी तरफ से अपना चुनाव लड़ते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख है – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया- मार्क्सिस्ट (सी पी आई-एम), भारतीय जनता पार्टी (भा ज पा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी पी आई), अखिल और बहुजन समाज पार्टी (ब स पा) आदि।

भारतीय लोकतंत्र के 5 सिद्धांत 5 Principles of Indian Democracy

हमारे भारत का लोकतंत्र पांच लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर कार्य करता है –

संप्रभु Sovereign

इसका सीधा-सीधा अर्थ है हमारा भारत किसी भी विदेशी शक्ति या उसके नियंत्रण के हस्तक्षेप से मुक्त है।

समाजवादी Socialist

इसका अर्थ है, कि सभी नागरिकों को आर्थिक समानता और सामाजिक प्रदान करना।

धर्मनिरपेक्षता Secularism

इसका अर्थ है, लोगों को किसी भी धर्म को अपनाने या अस्वीकार करने की आजादी है।

लोकतंत्र Democracy

इसका मतलब है, कि भारत की सरकार अपने देश के नागरिकों के द्वारा चुनी जाती है।

लोकतांत्रिक गणराज्य Democratic republic

इसका मतलब है, कि देश का प्रमुख कोई भी एक वंशानुगत राजा या रानी नहीं होता है।

भारतीय लोकतंत्र में सुधार लाने के उपाय क्या है? Ways to Improve Indian Democracy

हमारे भारतीय लोकतंत्र में सुधार की बहुत जरूरत है, इसके सुधार के लिये हमें कुछ कदम उठाना चाहिए-

  • लोगों की साक्षरता को बढ़ावा देना।
  • लोगों की अपना मत रखने की खुली छूट दी जानी चाहिए।
  • भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से रोकने के कड़ी नियम लाने चाहिए।
  • लोगों को वोट देने के लिये बढ़ावा देना।
  • गरीबी उन्मूलन।
  • लोगों को इस बात के लिये शिक्षित करना कि किस प्रकार वह सही उम्मीदवार चुने।
  • शिक्षित और बुद्धिमान लोगों को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिये बढ़ावा देना।
  • सांप्रदायिकता का उन्मूलन।
  • निष्पक्ष और जिम्मेदार मीडिया सुनिश्चित करना।
  • निर्वाचित सदस्यों के कामकाज की निगरानी करना।
  • लोकसभा तथा विधानसभा में ज़िम्मेदार विपक्ष का निर्माण।

निष्कर्ष Conclusion

आपने इस लोकतंत्र पर निबंध से जाना की लोकतंत्र क्या है? इसके सिद्धांत, इतिहास के बारे में पूरी जानकारी। साथ ही आपने यह भी जाना की इसमें सुधार लाने के क्या उपाय हैं।

आज के दिन में ऐसे कई वाकया हो रहें हैं जो पूर्ण रूप से लोकतंत्र का हनन और विरोध हैं। इसके विषय में आपकी क्या राय है कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताएं।

Featured Image – Flickr (Vineer Timple)

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