सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध Essay on Education for All in Hindi – Sarva Shiksha Abhiyan

इस लेख में आप सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध Essay on Education for All in Hindi (Sarva Shiksha Abhiyan) पढ़ सकते हैं। इसमें यह अभियान क्या है, कब शुरू हुई? ज़रुरत क्यों पड़ी तथा इससे जुडी योजनायें क्या-क्या हैं? जैसी इससे जुड़ी जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं।

सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध Essay on Education for All in Hindi – Sarva Shiksha Abhiyan

भारत में सर्व शिक्षा अभियान योजना की शुरुवात से शिक्षा के क्षेत्र मे कई सकारात्मक बदलाव हुए। आईए जानते हैं इस अभियान के विषय में विस्तार से।

सर्व शिक्षा अभियान क्या है? What is Sarva Shiksha Abhiyan?

सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जिसका लक्ष्य देश के प्राइमरी स्कूलों (प्रारंभिक शिक्षा) के ढांचे को मजबूत बनाना है। देश का हर बच्चा प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर सके और अपने जीवन का विकास कर सके।

इस योजना के अनेक उद्देश्य हैं जैसे- बालक बालिका का अंतर समाप्त करना, देश के हर गांव शहर में प्राथमिक स्कूल खोलना और मुफ्त शिक्षा प्रदान करना, निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, स्कूल ड्रेस देना, शिक्षकों का चयन करना, उन्हें लगातार प्रशिक्षण देते रहना, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा का निर्माण करना, पेयजल और प्रसाधन की व्यवस्था करना।

सर्व शिक्षा अभियान एक विशिष्ट विकेंद्रित योजना है। इस योजना के लिए “स्कूल चले हम” नामक कविता बनाई गई थी जो बहुत लोकप्रिय हुई थी।

सर्व शिक्षा योजना कब शुरू हुई? When Sarva Shiksha Abhiyan is Started?

यह योजना 2000-2001 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य देश के हर बच्चे को शिक्षा देना था। इसका लक्ष्य प्रारंभिक शिक्षा (प्राथमिक शिक्षा) का सार्वभौमिकरण करना है।  

प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने ग्रामीण बच्चों के लिए 1 किलोमीटर की दूरी में प्राथमिक स्कूल खोले हैं और 3 किलोमीटर की दूरी में उच्च प्राथमिक स्कूल (कक्षा 1 से 8 तक) की सुविधाएं दी हैं, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के बच्चे भी स्कूलों में जा सके।

सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक बच्चे प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर सकें। 2000-2002 तक 6 से 14 आयु वर्ग के 82% बच्चों ने नामांकन कराया था। ऐसा अनुमान है कि 2010 तक इस आयु वर्ग के 100% बच्चो का नामांकन प्राथमिक स्कूलों में हो जाएगा।  

सर्व शिक्षा अभियान की जरूरत क्यों थी? Importance of Sarva Shiksha Abhiyan in Hindi

भारत में प्राथमिक शिक्षा (प्रारंभिक शिक्षा) का स्तर बहुत ही कमजोर था। समाज के उच्च वर्ग के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजकर शिक्षा दिलाते थे। परंतु गरीब वर्ग के पास बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन नहीं था।

इसलिए सरकार ने यह योजना शुरू की। आज के समय देश के सभी प्राथमिक स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाती है। इसके साथ ही बच्चो को छात्रवृत्ति, मुफ्त किताबें, स्कूल ड्रेस, बैग, जूते जैसी सभी आवश्यक चीजें मुफ्त प्रदान की जाती हैं। इस योजना से भारत की प्राथमिक शिक्षा में बहुत सुधार हुआ है।

सर्व शिक्षा अभियान के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं? (इस योजना के प्रमुख उद्देश्य) Yojanas under Sarva Shiksha Abhiyaan

  1. 2003 तक सभी बच्चे स्कूल जाने लगे।
  2. 2007 तक प्राथमिक शिक्षा का 5 साल पूरा करना और 2010 तक स्कूली शिक्षा का 8 साल पूरा करना।
  3. प्राइमरी स्कूलों के लिए संतोषजनक और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना
  4. 2007 तक देश के प्राथमिक स्कूलों और जूनियर स्कूलों में सामाजिक अंतर और लिंग भेदभाव को समाप्त करना।
  5. 2010 तक भारत में सार्वभौमिक रूप से सर्व शिक्षा अभियान चलाना जिसमें देश के सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके।
  6. राज्यों की भागीदारी 2010 तक 6 से 14 साल तक के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना है।
  7. सर्व शिक्षा अभियान के लिए आवंटित धन (फंड)
  8. इस योजना को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने 7000 करोड रुपए दिए थे। 2011- 2012 के लिए 21000 करोड रुपए आवंटित किए हैं।
  9. सर्व शिक्षा अभियान के लिए शिक्षक प्रशिक्षण (Teacher’s Traning for Sawya Shiksha Abhiyan )

सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत देश के सभी प्राइमरी स्कूलों में अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा दे सकें इसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षित होना बहुत आवश्यक है।

सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों को अनेक प्रकार के प्रशिक्षण दिए हैं जैसे-

  • शिक्षा पद्धति
  • बाल मनोविज्ञान
  • मूल्यांकन पद्धति
  • अभिभावक प्रशिक्षण

इसके साथ ही लगातार प्राथमिक शिक्षकों को भिन्न भिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिससे वह बच्चों को अच्छी तरह पढ़ा सकें। सरकार द्वारा दिए गए प्रशिक्षण के दौरान चयनित शिक्षक समूह को “संसाधन व्यक्ति” कहकर पुकारा जाता है।

पढ़े भारत बड़े भारत योजना Padhe Bharat Badhe Bharat Yojana

भारत सरकार ने “पढ़े भारत बढ़े भारत” योजना सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत कक्षा 1 और 2 के बच्चों को लिखना पढ़ना गणित के प्रश्न हल करना सिखाया जाएगा।  

समग्र शिक्षा अभियान

भारत सरकार ने 2018 में सर्व शिक्षा अभियान के साथ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को जोड़ दिया है और इसे “समग्र शिक्षा अभियान” के नाम से एक नई योजना के रूप में शुरू किया है।  

सर्व शिक्षा अभियान का केंद्रित क्षेत्र Focussed Area for Sarva Shiksha Abhiyan

  1. बालकों के साथ बालिकाओं को भी शिक्षा दिलाना
  2. विशेष जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करना
  3. समाज में बालक बालिका का अंतर समाप्त करना। माता पिता को बालिकाओं को भी स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करना।
  4. देश की प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना।
  5. समाज के कमजोर वर्ग- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना। उन्हें भी शिक्षित करना
  6. सामुदायिक एकजुटता को बढ़ावा देना

सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख घटक The Components of Sarva Shiksha Abhiyan in Hindi

  1. BRC (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर)- यहां से प्राथमिक स्कूलों के लिए पाठ्य पुस्तकें वितरित की जाती हैं। इसके साथ ही ड्रेस जूते और दूसरे वस्तुएं भी वितरित की जाती हैं। प्रशासनिक कार्यों को संपन्न किया जाता है।
  2. CRC (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर)
  3. नागरिक कार्य – यह सर्व शिक्षा अभियान का एक प्रमुख घटक है। इसके अंतर्गत कुल परियोजना के बजट का 33% तक निवेश किया जाता है।
  4. निशुल्क पाठ्य पुस्तकें- प्राथमिक शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए इस योजना में सभी बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाती हैं।
  5. रिसर्च एंड डेवलपमेंट- सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत दी जा रही शिक्षा का सतत मूल्यांकन, निगरानी, पर्यवेक्षण किया जाता है जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। अनुसंधान और मूल्यांकन के लिए हर स्कूल को 1500 रुपए की धनराशि दी जाती है। महिला साक्षरता (बालिकाओं की शिक्षा) पर विशेष निगरानी की जाती है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा पर विशेष निगरानी की जाती है। दृश्य पाठ्य सामग्री के लिए बच्चों को पोस्टर, चार्ट, स्केच पेन और दूसरी वस्तुएं दी जाती हैं।
  6. विद्यालय अनुदान- इस परियोजना के लिए प्रत्येक स्कूल को 2000 रूपये का अनुदान दिया जाता है जिसे पुस्तकालय, स्कूल का सौंदर्यीकरण, मरम्मत का कार्य, फर्नीचर, संगीत वाद्य यंत्र और दूसरे खर्चों पर धनराशि खर्च की जाती है।
  7. शिक्षक अनुदान- सर्व शिक्षा अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षकों को 500 रूपये का अनुदान दिया जाता है। 2007 2008 में 547590 से अधिक शिक्षक शिक्षकों को या अनुदान दिया गया था।
  8. शिक्षक प्रशिक्षण- सर्व शिक्षा अभियान योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना बहुत आवश्यक है। इसलिए नए पाठ्यक्रम के साथ प्रशिक्षण देना, परीक्षा सुधार, ग्रेडिंग प्रणाली, विशेष ध्यान योग्य बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।   

डकार सम्मेलन से “सर्व शिक्षा अभियान” का सम्बन्ध  

दक्षिण अफ्रीका के सेनेगल की राजधानी डकार में विश्व शिक्षा सम्मेलन हुआ था जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने प्राथमिक शिक्षा को सुधारने के लिए 6 बिंदुओं पर चर्चा की थी।

उन 6 बिंदुओं को ध्यान में रखकर भारत ने सन 2000 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की थी जिसमें 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का प्रस्ताव रखा गया था।

सर्व शिक्षा अभियान में योगा की शिक्षा Yoga Education and SSA

भारत सरकार ने “सर्व शिक्षा अभियान” के अंतर्गत योगा शिक्षा (योगासन) को भी सम्मिलित किया है। इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं।

सरकार की योजना है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की तरफ से 2 शिक्षक (1 शिक्षक और 1 शिक्षिका) को योग शिक्षा विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

स्कूल के छात्र छात्राओं के लिए योग शिक्षा बहुत आवश्यक है। इससे बच्चे निरोगी रहते हैं। उन्हें कोई बीमारी नहीं होती। योग के द्वारा वह पढ़ाई पर अच्छी तरह ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

योग बच्चों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। इससे बुद्धि तेज होती है। यह लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होता है।

निष्कर्ष Conclusion

भारत में सर्व शिक्षा अभियान के कारण ही शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा मिला और आज हम देख रहे हैं लड़का हो या लड़की सभी स्कूल-कॉलेज जा कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आशा हैं सर्व शिक्षा अभियान पर यह निबंध Essay on Sarva Shiksha Abhiyan से आपको इस विषय में पूरी जानकारी मिली होगी।

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