भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां Functions & Powers of President of India in Hindi

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां Functions & Powers of President of India in Hindi

राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक माना जाता है। 26 जनवरी 1950 में भारत को गणराज्य घोषित होने के बाद राष्ट्रपति सबसे उच्च पद पर नियुक्त होता है।  राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्तियां होती हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली के “राष्ट्रपति भवन” में रहते हैं।

इसे रायसीना हिल्स के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अनेक बार अपने पद पर निर्वाचित हो सकता है। इसके लिए कोई रोक नहीं है।

इतिहास में पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने अपने दो कार्यकाल पूरे किए थे। देश के इतिहास में प्रतिभा पाटील पहली बार महिला राष्ट्रपति चुनी गई। वर्तमान में रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति चुने गए हैं।

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां Functions & Powers of President of India in Hindi

भारत के राष्ट्रपति के पास निम्न प्रकार की शक्तियां होती हैं —

  1. राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियां
  2. राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
  3. राष्ट्रपति की वित्तीय शक्तियां
  4. राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां
  5. राष्ट्रपति की कुटनीतिक और सैन्य शक्तियां
  6. राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां
  7. राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां

भारतीय राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियां Executive powers of the Indian President

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है और उसकी सलाह पर अन्य मंत्रियो की नियुक्ति करता है। राष्ट्रपति अनेक बड़े पदाधिकारियों की नियुक्ति करता है जैसे महान्यायवादी, महानियंत्रक व महालेखा परीक्षक, मुख्य चुनाव आयुक्त, वित्त आयोग के अध्यक्ष और राज्यपाल यूपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित एक आयोग की नियुक्ति कर सकता है।

भारतीय राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां Legislative powers of the Indian President

भारत के राष्ट्रपति को राज्यसभा के 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है, जिन्होंने कला साहित्य विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। वह प्रत्येक वर्ष संसद के प्रथम अधिवेशन को संबोधित करता है।

प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले प्रथम अधिवेशन को संबोधित करता है। राष्ट्रपति किसी भी समय संसद की बैठक बुला सकता है और बैठक को स्थगित कर सकता है। वह लोकसभा को विघटित कर सकता है। किसी तरह के गतिरोध होने पर वह संसद का संयुक्त अधिवेशन बुला सकता है।

भारतीय राष्ट्रपति की वित्तीय शक्तियां Financial powers of the Indian President

राष्ट्रपति के पास अनेक वित्तीय शक्तियां हैं जैसे धन विधेयक को संसद पटल पर रखने से पूर्व राष्ट्रपति की अनुमति लेना आवश्यक होता है। राष्ट्रपति केंद्रीय बजट को संसद पटल पर प्रस्तुत करता है।

वह केंद्र और राज्यों के मध्य राजस्व के बंटवारे के लिए हर पांचवें साल वित्त आयोग का गठन करता है। किसी राज्य द्वारा विशेष अनुदान मांगे जाने पर राष्ट्रपति से अनुमति लेना आवश्यक होता है। वह किसी अदृश्य के व्यय के अग्रिम भुगतान को देश की संचित निधि से भुगतान कर सकता है।

भारतीय राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां Judicial Powers of the Indian President

भारत का राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करता है। इसके अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के न्यायधीश और उच्च न्यायालय हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।

राष्ट्रपति अपने कार्य और निर्णय के लिए उच्चतम न्यायालय से सलाह ले सकता है। परंतु उसे मानने के लिए बाध्य नहीं है। राष्ट्रपति किसी भी दोषी की सजा को माफ, कम, परिवर्तित, या पूरी तरह समाप्त कर सकता है।

भारत का राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को जीवन दान, क्षमा दान दे सकता है। मृत्यु दंड माफ कर सकता है। कठोर दंड को साधारण दंड में बदल सकता है।  सश्रम कारावास को साधारण कारावास में बदल सकता है। भारत का राष्ट्रपति किसी भी दंड की अवधि घटा सकता है।

भारतीय राष्ट्रपति की कूटनीतिक और सैन्य शक्तियां Diplomatic and military powers of Indian President

भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का प्रधान होता है। वह तीनों सेनाओं के अध्यक्षों की नियुक्ति करता है। दूसरे देशों के साथ युद्ध या युद्धविराम होने पर घोषणा राष्ट्रपति के नाम से ही की जाती है। देश का राष्ट्रपति अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करता है।

सभी अंतराष्ट्रीय संधि और समझौते उसके नाम पर किए जाते हैं। वह राजपूतों और उच्च आयुक्तों को दूसरे देश भेजता है और अन्य देशों के राजदूत और उच्च आयुक्तों का स्वागत करता है।

भारतीय राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां Indian Presidential Emergency Powers

जब किसी प्रदेश में संवैधानिक तंत्र असफल हो जाता है तब राष्ट्रपति, राज्यपाल के द्वारा रिपोर्ट मांगता है और उस प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाता है। यह अधिकतम 3 वर्षों तक लगाया जा सकता है, पर हर 6 महीना में संसद द्वारा अनुमोदन प्रस्ताव पारित करना आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति देश में आपातकाल की घोषणा करता है। वित्तीय आपातकाल के बारे में भी वह घोषणा करता है।

भारतीय राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां Indian President’s veto powers

देश के राष्ट्रपति को 3 प्रकार से वीटो शक्ति प्राप्त है। आत्यंतिक वीटो, निलंबनकारी वीटो और पॉकेट वीटो।

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