गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (Vinayaka Chaturthi 2020)

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (Vinayaka Chaturthi 2020)

गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें ! आज हम गणेश चतुर्थी त्यौहार का महत्व इसके पीछे पौराणिक कथा और उत्सव के विषय में इस पोस्ट में आपको बताएँगे। तो चलिएश्री गणेशके विषय में उन महत्वपूर्ण चीजों को जाने।

भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्यालय हो या स्कूल-कॉलेज हर जगह इसको मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करके भगवान् गणेशा की पूजा की जाती है।

बहुत सारे लोग अपने घरों में भी श्री गणेश की मूर्ति की पूजा करते। इस दिन सभी भक्त गणेश आरती गाते हैं और भगवान् को मोदक चढाते हैं।  मोदक गणेश जी का पसंदिता मिठाई है।

इस दिन को सबसे भव्य और बड़े तौर पर भारत के महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है। इस त्यौहार को इतने धूम-धाम से इसलिए महाराष्ट्र में मनाया जाता है क्योंकि कई वर्षों पहले छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसकी शुरुवात की थी।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Khairatabad ganesh utsav 2019, Ganesh Chaturthi
Khairatabad ganesh utsav 2019

गणेश चतुर्थी 2020 में कब है? When Ganesh Chaturthi is Celebrated in 2020?

1 सितम्बर, के दिन 2020 में गणेश चतुर्थी / विनायक चतुर्थी मनाया जायेगा।

पौराणिक कथा Mythology Behind Shri Ganesha Chaturthi

वैसे तो गणेश जी की कई पौराणिक कथाएं हैं गणेश जी की 4 अनसुनी कहानियाँ पढने के लिए यहाँ क्लिक करें।

परन्तु जो मुख्य कथा है उसके अनुसार –

भगवान् शिवजी की धर्म पत्नी का नाम था माता पारवती। माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से एक पुत्र को उत्पन्न किया जिनका नाम था गणेश। एक बार की बात है माता पार्वती स्नान करने गयी। जाने से पहले माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को कहा की जब तक वो स्नान करके ना लौटें उनके घर के अन्दर किसी को भी घुसने ना दें।

कुछ देर बाद शिवजी वहां पहुंचे। गणेश को यह पता नहीं था की शिवजी उनके पिता है। उन्होंने शिवजी को अन्दर जाने से रोका। शिवजी ने गणेश को बहुत समझाया परन्तु गणेश न माने। क्रोधित होकर शिवजी ने गणेश का सिर-धड़ से अलग कर दिया। गणेश की आवाज़ सुनकर माता पार्वती जब बाहर आई तोअपने पुत्र का मृत शरीर को देख कर दुख से रोने लगी।

क्रोधित होकर माता पारवती ने शिवजी को अपने पुत्र को जीवित करने के लिए कहा। शिवजी को भी अपनी गलती का एहसास हुआ परन्तु वह उस अलग किये हुए सिर को जोड़ नहीं सकते थे इसीलिए उन्होंने नंदी को आदेश दिया और कहा जाओ जो कोई भी जानवर सबसे दिखे उसका सिर काटकर ले आओ।

उनको सबसे पहले एक हाथी मिला, और वो उसका सिर काटकर ले आये। शिवजी ने अपनी शक्ति से हाथी के सिर को धड़ से जोड़ दिया और गणेश को जीवित कर दिया और सभी देवताओं ने गणेश को आशीर्वाद दिया।

गणेश जी की पूजा कुछ भी शुरू करने से पहले क्यों की जाती है?

शिवजी ने साथ ही गणेश जी को आशीर्वाद देते हुए कहा की जहाँ भी पृथ्वी पर कुछ नया और अच्छे की शुरुवात की जाएगी वहां गणेश का नाम लिए जायेगा और गणेश की आराधना करने वाले व्यक्ति का सभी दुःख दूर होगा।

इसीलिए हम भारतीय कुछ भी अच्छा और नया शुरू करने जैसे विवाह, कोई नया व्यापार शुरू करने से पहले, नया घर प्रवेश, या जब कोई शिशु प्रथम बार स्कूल जाने से पूर्व गणेश जी की पूजा करते हैं और उनसे सुख-शांति की कामना करते हैं।

पूजा उत्सव और ख़ुशी Ganesha Chaturthi Celebration

भगवान गणेश, माता पारवती और भगवान शिव के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी पर गणेश, शिवजी और माता पार्वती की पूजा बहुत ही धूम-धाम से की जाती है। इस दिन को भारत के सभी राज्यों में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को भगवान् गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह भारत के सबसे बड़े त्योहारों में एक मन जाता है जो पुरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी सबसे अधिक और ज़बरदस्त तरीके से महाराष्ट्र और भारत के सभी हिन्दू लोग मनाते हैं।

इस दिन सभी भक्त अपने घरों, दफ्तरों या शैक्षिक संस्थानों में गणेश जी की मूर्ति को सजाते हैं। उस दिन वहां गणेश आरती और मन्त्रों के उच्चारण के साथ उनकी पूजा की जाती है। लोग भगवन गणेश से सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं और साथ ही ज्ञान माँगते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद दिया जाता है।

उसके बाद 10 दिनों तक मूर्ति को वही रखा जाता है। लोग हर दिन वहां दर्शनके लिए आते हैं और पूजा करते हैं। इन 10 दिनों के पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति को समुद्र या नदियों में विसर्जन कर दिया जाता है।

आप सभी को भी गणेश जी जीवन में अपर सुख, शांति, विद्या दें! गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें~ आशा करते हैं आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा होगा।  अगर अच्छा लगे तो Share करना ना भूलें।

पढ़ें: जीवन में त्यौहारों का महत्व

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