भारतीय शिक्षा प्रणाली पर निबंध Essay on Education System in India (Hindi)

इस लेख में आप भारतीय शिक्षा प्रणाली पर निबंध (Essay on Indian Education System in Hindi) पढ़ेंगे। जिसमें भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली के विषय में, भारतीय शिक्षा व्यवस्था का विकास, शिक्षा प्रणाली के गुण और दोष को आसान भाषा में समझाया गया है।

भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली Current Education System of India in Hindi

किसी भी देश का भविष्य उसकी शिक्षा प्रणाली पर ही निर्भर करता है। जिस देश में साक्षरता दर जितनी अधिक रहेगी वह देश उतना ही विकसित होगा। जीवन में शिक्षा का महत्व उतना ही होता है, जितना जीवित रहने के लिए भोजन का होता है। शिक्षा के विषय में एक प्रसिद्ध कहावत है, कि शिक्षा स्वयं शक्ति होती है।

भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली पूरे विश्व में विख्यात थी। पूरी दुनिया ही भारत की प्राचीनतम शिक्षा पद्धति की कायल रही है।

हम जानते हैं, कि सोने की चिड़िया कहीं जाने वाली हमारी भारत माता को कई विदेशी आक्रमणकारियों ने बंधी बनाया है। सभी ने अपने अपने अनुसार बदलाव करके भारतीय संस्कृति में शिक्षा का नक्शा ही बदल कर रख दिया है।

वर्तमान समय में यदि भारतीय शिक्षा पद्धति की बात करें तो यह पहले जैसे बिल्कुल भी नहीं रही है। वास्तव में हमने वह हीरा गंवा दिया है, जिस पर हमारा एकाधिकार हुआ करता था। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बहुत सारी त्रुटियां उत्पन्न हो गई है, जो भारत के विकास में काफी हद तक  बाधा डाल रही हैं।

एक ऐसा समय हुआ करता था जब दूसरे देश के लोग हमारे गुरुकुल प्रणाली से शिक्षा ग्रहण करने आया करते थे। लेकिन आज हमारे ही लोगों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए कैंब्रिज और ऑक्सफर्ड जैसे दूसरे देशों की विश्वविद्यालयों में जाना पड़ता है।

गरीबी, भ्रष्टाचार, गुनाह, चोरी-डकैती इत्यादि जितने भी अपराध वर्तमान में हम देखते हैं, वे सभी निरक्षरता की ही देन है।

वर्तमान की भारतीय शिक्षा प्रणाली युवाओं के खासियत के बदले उनके परीक्षा परिणाम और सर्टिफिकेट ग्रेडिंग जैसे चीजों पर ज्यादा यकीन करते हैं। आज के समय में भारतीय कई देशों में फैले हुए हैं और वे विदेशों में बड़े वरिष्ठ पदों पर अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं।

हिंदुस्तान के हर गली कूचे में श्रेष्ठ विशेषताओं वाले लोग मिल ही जाते हैं, लेकिन तथाकथित शिक्षा का कोई सर्टिफिकेटना ना होने अथवा भारत की खराब शिक्षा प्रणाली के कारण उन्हें देश में कोई नाम नहीं मिल पाता है।

भारतीय शिक्षा व्यवस्था का विकास Development of Indian Education System in Hindi

भारतीय शिक्षा का वास्तविक स्त्रोत वैदिक काल से ही मिलता है। यह वह काल था, जहां बड़े-बड़े गणितज्ञ, ज्योतिष, वैज्ञानिक, चिकित्सक आदि ने न केवल भारत अपितु पूरे दुनिया को शिक्षा का एक नया आयाम दिखाया था। जब मुग़ल आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण किया था, तो उसके साथ ही उन्होंने शिक्षा के लगभग सारे स्त्रोतों को मिटा दिया था।

विश्व की पहली सुविधा युक्त नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी द्वारा जला दिया गया था। ऐसा माना जाता है, कि हमारे कई धार्मिक ग्रंथों को मुगल आताताईयों द्वारा चुरा लिया गया था और जिसे वह अपने साथ ले जाने में असफल रहे थे, उन सभी शिक्षा स्त्रोतों को जला दिया गया था।

जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत को गुलाम बनाया गया था, उसी दौरान भारत में एक नई शिक्षा पद्धति का विकास भी हुआ था।

इस समय भारत में लोगों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए एक बार फिर से प्रयत्न किए गए थे। सर्वप्रथम कोलकाता मदरसा नामक शिक्षा संस्थान वारेन हेस्टिंग्स द्वारा 1781 में स्थापित किया गया था।

वही हिंदू धर्म के लोगों के लिए 1791 में बनारस में संस्कृति कॉलेज का निर्माण जोनाथन डंकन के जरिए किया गया था। इससे यह पता चलता है, कि अंग्रेजों ने  भारत को गुलाम बना कर लूटने के अलावा  आधुनिकता के लिए प्रेरित कर कुछ अच्छे कार्य भी किए थे।

यदि देखा जाए तो भारत में शिक्षा का विकास करने के लिए अंग्रेजों में कोई भी रुचि नहीं थी। अंग्रेज जानते थे कि यदि उन्हें भारत में एक लंबे समय तक राज करना है तो उन्हें भारतीयों के साथ अपने संबंध स्थापित करने होंगे ताकि वे अंग्रेजों की तरफ से कार्य करके लोगों तक संदेश पहुंचाएं। वर्तमान भारत में जिस ढांचे की शिक्षा पद्धति आज विस्तृत रूप ले चुकी है, वह अंग्रेजों की ही देन है।

भारत में गुलामी के समय गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा बंगाल और बिहार में शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करने के लिए कई ईसाई धर्म प्रचारक विद्यालयों और विश्वविद्यालयों को भी स्थापित किया गया था। इन सभी शिक्षण संस्थाओं में नए नए पाठ्यक्रम को शामिल किया जाता था।

सन 1835 में गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक के समक्ष लॉर्ड मेकाले द्वारा एक परिषद में अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम 1835 नामक एक शिक्षण कानून को पारित किया गया था।

आपको बता दें कि लॉर्ड मेकाले वर्तमान भारत में पाश्चात्य शिक्षा पद्धति के जनक माने जा सकते हैं। इसके बाद भारतीय शिक्षा पद्धति में बदलाव करने के लिए कई योजनाएं और समितियां बनाई गई थी।

भारतीय शिक्षा प्रणाली के गुण Features of Education System in India (Hindi)

यदि प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली की बात की जाए तो वहां कोई विद्यालय या विश्वविद्यालय नहीं हुआ करते थे।

शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुल प्रणाली होती थी, जो वाकई में स्वयं में ही एक अद्भुत शिक्षा पद्धति थी।  सदियों पहले चलने वाली हमारी गुरुकुल शिक्षा पद्धति इतनी विख्यात थी जहां प्रत्येक स्वदेशी तथा विदेशी लोग भी आया करते थे।

हिंदुस्तान के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट, नागार्जुन, महर्षि सुश्रुत, महर्षि चरक, पतंजलि ऋषि इत्यादि न जाने कितने महान लोगों ने दुनिया को नए अविष्कार दिए हैं। प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली की ही देन है, जिससे हमारा भारत विश्व गुरु के नाम से जाना जाता था।

अंग्रेजों द्वारा दिया गया शिक्षा पद्धति भी काफी हद तक आधुनिक भारत के लिए एक अच्छा उपहार माना जा सकता है। वर्तमान शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है। जाति, धर्म, रंग रूप, लिंग आदि बिना किसी ऊंच-नीच का अंतर किए बिना सभी को शिक्षा दिया जाता है।

विद्यालयों में विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने को मिलता है। पूरे अनुशासन और नियम कानून के साथ बच्चों को शिक्षा के माध्यम से एक अच्छा नागरिक बनाने का प्रयत्न किया जाता है। शैक्षणिक संस्थानों के जरिए ही बच्चों का सर्वांगीण विकास हो पाता है।

आज के समय में सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा होती हैं। जब विद्यार्थी कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझ कर पढ़ता है तो उसे बहुत कुछ जानने और समझने को मिलता है।

वर्तमान समय के भारतीय शिक्षा प्रणाली का पाठ्यक्रम दूसरे देशों के पाठ्यक्रमों से मिलता जुलता है। समान पाठ्यक्रम होने से विद्यार्थियों को दूसरे देश की संस्कृति और व्यवस्थाओं को समझने में काफी मदद मिलती है।

लोगों को शिक्षा के प्रति आकर्षित और प्रेरित करने के लिए अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद काफी सारे इनाम भी रखे जाते हैं। यदि विद्यार्थी गण परीक्षाओं में अच्छे अंको से पास होते हैं, तो उन्हें निशुल्क शिक्षा भी उपलब्ध कराई जाती है।

भारतीय शिक्षा प्रणाली के दोष Defects of Education System in India (Hindi)

भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली भले ही आधुनिकता से परिचित है, लेकिन शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों को इसका कोई खास फायदा नहीं होता है।

यदि स्वर्ण के बदले पत्थरों को प्राप्त करके संतोष कर लिया जाए, तो यह एक मूर्खता है। हम भारतीयों के साथ ऐसा ही अन्याय हुआ है, क्योंकि हमारी श्रेष्ठतम शिक्षा प्रणाली को नष्ट करके हम पर पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली को जबरदस्ती थोप दिया गया है।

आज की शिक्षा पद्धति हमें विकास की तरफ ले जाने के बदले पीछे धकेल रही है, जिसे हम अपना सौभाग्य समझ रहे हैं। अंग्रेजों ने जिस शिक्षा पद्धति को भारत में लागू किया था, उससे काफी नकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

यदि वास्तव में शिक्षा के संदर्भ में बात किया जाए तो आज विद्यार्थियों को केवल किताबी कीड़ा बनने का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पाठ्यक्रम को रट कर कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

यह वास्तविकता है, कि परीक्षा के बाद कुछ ही ऐसे विद्यार्थी होते हैं, जिन्हें वह रटा हुआ पाठ्यक्रम लंबे समय तक याद रह सके। पढ़ाई करने का सही तरीका जनना बहुत जरूरी है।

भारत में ग्रेडिंग सिस्टम को बढ़ावा दिया जाता है, जहां विद्यार्थियों के बुद्धिमता को केवल परीक्षा में प्राप्त हुए  अंको से मापा जाता है। माता-पिता जाने अनजाने में अपने बच्चों पर हमेशा पढ़ाई करने के लिए जोर देते रहते हैं, बगैर यह जाने कि उनका बच्चा किसी दूसरे क्षेत्र में रुचि रखता है या नहीं।

आज के सभी स्कूल कॉलेजों में पढ़ाई के लिए बच्चों पर इतना अधिक बोझ बनाया जाता है, कि उससे विद्यार्थियों की मनोस्थिति पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे कई खबर हमें सुनने को मिल जाएंगे कि किसी विद्यार्थी ने अच्छे अंक प्राप्त ना करने के कारण अथवा फेल हो जाने के कारण आत्महत्या कर ली हो।

यह आज की विफल शिक्षा पद्धति ही है, जिसके परिणाम स्वरूप विद्यार्थियों को अपने जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण परीक्षा में पास होना लगता है।

यदि कोई विद्यार्थी स्कूल और कॉलेजों में शिक्षा के लिए ढेर सारे पैसे खर्च करने के बाद भी एक छोटी सी नौकरी से ही अपना जीवन निर्वाह करने पर मजबूर हो, तो यह वर्तमान शिक्षा की विफलता नहीं तो और क्या है।

कई बार तो उच्च शैक्षणिक संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात भी लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है। जो यह दर्शाता है कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में कितना पीछे हो गया है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने हिंदी में भारतीय शिक्षा प्रणाली पर निबंध (Essay on Education System in India Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो और जानकारी से भरपूर लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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